Shree Hanuman Parishad

Shree Hanuman Parishad

326 2 Hindu Temple

919831023936 shreehanumanparishad1922@gmail.com

P-44, Rabindra Sarani, Kolkata, India - 700001

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About Shree Hanuman Parishad in P-44, Rabindra Sarani, Kolkata

श्री हनुमान परिषद - एक संक्षिप्त परिचय।

श्री हनुमान परिषद ,कोलकाता की प्राचीन समाज सेवी संस्थाओं मे से एक है।परिषद की स्थापना सॅन १९२२ मे हुई थी।संस्था की तीन धर्मशालाएं तारकेश्वर,कॅंकिनाडा एवं भाटपाड़ा मे है। तीनो ही धर्मशालाओं मे श्री हनुमान जी की भव्य मंदिर है।परिषद शिक्षा,स्वरोजगार,चिकत्सा,जन जागृति ,सामूहिक विवाह एवं तीर्थ यात्री सेवा कार्य के क्षेत्र मे अपनी विशेष योजनाओं के माध्यम से जन सेवा का प्रयास करती है।
शिक्षा क्षेत्र मे परिषद आर्थिक रूप से वीप्पन छात्रो एवं छात्राओं को पुस्तके एवं विद्यालय की फीस देकर मदद करती है।
स्वरोजगार के क्षेत्र मे महिलाओं को सिलाई एवं कढाई का प्रशिक्षण दिया जाता है।महिलाओं के लिये केश सज्जा(HAIR DRESSING) एवं रूपसज्जा (MAKEUP) के प्रशिक्षण की योजना भी विचाराधीन है,जिसे सिघ्र ही क्रियान्वित किया जायेगा।
चिकत्सा के क्षेत्र मे परिषद ने बहुत कार्य किया है,ह्यड्रोसील,हॉर्निया,एवं चक्षु ऑपरेशन के बहुत से CAMP सफलता पूर्वक आयोजित किये जा चुके हैं।परिषद धर्मशाला मे निशुल्क होमैयोपॅथी चिकत्सा की वयवस्था वर्षों से चल रही है।
परिषद जनजागृति के कार्य मे भी पीछे नहीं है।समय समय पर नशा मुक्ति,स्वच्छ पर्यावरण,वृक्षारोपण,इत्यादि विषयों पर सेमीनार का आयोजन किया जाता है,एवं इन विषयों पर जनसंपर्क भी किया जाता है।श्री हनुमान परिषद ने हूगली जिले मे सर्वप्रथम सामूहिक विवाह का आयोजन किया था,जिसमे पांच बांगलाभासी जोड़ियों का विवाह संपन्न हुआ था।
तीर्थ यात्रियों की सेवा के क्षेत्र मे परिषद का एक अति विशिस्ट योगदान है।परिषद की तरफ से चैत्र एवं श्रावण माह मे बाबा तारकनाथ के तीर्थयात्रियों के सेवा के लिये पूरे मास का मेला लगता है।इस अवसर पर यात्रियों के लिये भोजन,चिकत्सा, एवं ठहराने की विशेष वयवस्था की जाती है।हजारों की सांख्या मे यात्री इन वयवस्थाओं से लाभान्वित होते हैं।
परिषद अपनी स्थापना के शताबदी दशक मे प्रवेश कर चुकी है ,इसके बावजूद भी परिषद गणतांत्रिक तरीकों का पूरी तरह से निर्वहन करती है एवं गणतांत्रिक पद्धत्ति से प्रति दो वर्ष बाद आम चुनाव के माध्यम से परिषद की कार्यकारिणी एवं पदाधिकारियों का चयन होता है।
परिषद की भावी योजनाओं मे ,धर्मशालाओं एवं मंदिरों का नवीनीकरण,स्वालंबन के लिये विशेस प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करना,छ्त्रावृति का नया कोष बनाना,अनाथाल्य,वृधश्रमों की स्थापना करना या गोद लेना,सामूहिक विवाह का आयोजन करना,गौशाला का निर्माण करना इत्यादि शामिलहै।

इन सभी योजनाओं का क्रियान्वयन परिषद के सदस्य अपने सीमित दायरे मे अकेले नहीं कर सकते हैं,इसके लिये पूरे समाज का साथ चाहिये और यह परिषद का सौभाग्य है की समाज से हमे हमेशा प्रोत्साहन मिलता रहा है।आशा करतें हैं की आप सभी से हमे आगे भी सहयोग मिलता रहेगा।
परिषद आप सभी से वादा करती है की आप का भरोसा कायम रखते हुए पूरी ईमानदार और निष्ठा से समाज सेवा के पथ पर अग्रसर होती रहेगी।हमारा मूल मंत्र है " दास्य भावेन:सेवायां समर्पित:"अर्थात "दास की भांति सेवा मे समर्पित"
आप सभी महानुभवों से निवेदन है की परिषद से सक्रिय रूप से जुड़ें एवं हमारा मार्ग दर्शन करें।

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