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About UJALE KI AUR in Raj Plaza, near Bank of Baroda, Kumbha Marg, Pratap Nagar, Jaipur

मनोचिकित्सकों की राय में जब किसी व्यक्ति की भावनाएँ, विचार अथवा व्यवहार दूसरे लोगों के लिए समस्या बन जाए तो यह उस व्यक्ति के मानसिक बीमारी से ग्रस्त होने के लक्ष्ण हो सकते हैं लेकिन समुचित जानकारी के अभाव में लोग इस ओर ध्यान नहीं देते जिससे समस्या गंभीर रूप धारण कर लेती है।

मानसिक बीमारी होने का कारण दिमाग में 'केमिकल इंबैलेंस' होने की बात कहते हुए मनोचिकित्सक डॉक्टर समीर पारेख ने कहा, ' जब तक समस्या बड़ी न हो तब तक लोगों का ध्यान मानसिक बीमारियों की ओर नहीं जाता। इसे संबंधित व्यक्ति की आदत समझकर लोग
नजरअंदाज कर देते है जबकि कुछ लोग मानसिक बीमारी को पागलपन समझ बैठते हैं ।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आँकड़ों पर गौर करे तो दुनियाभर में करीब 45 करोड़ व्यक्ति मानसिक बीमारी या तंत्रिका संबंधी समस्याओं से ग्रस्त हैं। डाइग्नोस्टिक एण्ड स्टैटिस्टिकल मैनुअल आफ मेंटल डिसआर्डर्स के नवीनतम अंक में इस प्रकार की मानसिक बीमारियों का जिक्र किया गया है और साथ में यह भी कहा गया है कि मनोचिकित्सकों के लिए आज भी यह पता लगाना एक चुनौती है कि अगर कोई व्यक्ति मानसिक बीमारी से ग्रस्त है तो उसकी बीमारी आखिर क्या है।

पारेख के मुताबिक आज मानसिक बीमारियों की पहचान करना मुश्किल नहीं रह गया है क्योंकि इस दिशा में विज्ञान ने बहुत प्रगति कर ली है। समय रहते सही मनोचिकित्सक के पास जाने से इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है और उसके दुष्प्रभाव सामने आने से पहले ही उसका इलाज किया जा सकता है। मनोचिकित्सक डॉ. अमित के मुताबिक मानसिक रोगियों के लक्षण आसानी से दिखाई नहीं देते हैं।

मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति में दिमागी विकार होता है और उनकी स्थिति पर कोई नियंत्रण नहीं रहता। कुछ सामान्य मानसिक समस्याएँ है जैसे स्वलीनता,मानसिक बाधा, प्रमस्तिष्कीय पक्षाघात 'सेरेब्रल पलसी', सीखने में बाधा, चिंता विकार आदि।

कुछ लोग मानसिक विकार के साथ ही जन्म लेते हैं जबकि बहुत से लोग दुर्घटना, आघात, गंभीर बीमारी समेत कई कारणों से मानसिक समस्याओं से पीड़ित हो जाते हैं।

इन चिकित्साओं से इतर अगर योग प्रणाली के माध्यम से मानसिक संतुलन बनाने की बात करें तो योग शिक्षक सिद्धार्थ कुमार के मुताबिक प्रणायाम करने से मस्तिष्क के दोनों गोलार्ध में संतुलन बनता है जो हमारी विचार करने की शक्ति एवं भावनाओं में समन्वय लाता है।

विश्व स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य के बारे में लोगों को जागरूक और शिक्षित बनाने के उद्देश्य से प्रत्येक दस अक्टूबर को 'विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस' मनाया जाता है। इसकी शुरूआत विश्व मानसिक स्वास्थ्य परिसंघ ने की थी तथा पहली बार इसे 1992 में मनाया गया था।

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